लखनऊ। अब किसानों की अरहर की दाल बिग बाजार, स्पेंशर जैसे सुपर मार्केट में बिकेगी, किसानों को खेती से लेकर प्रसंस्करण की नई तकनीकि की जानकारी देने के लिए अरहर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश भर के कृषि विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड को अरहर, चना जैसी दलहनी खेती के जाना जाता है, इसी कड़ी में अरहर, चना, सरसों और गुड़ जैसे कई उत्पादों को ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए बांदा जिले में फरवरी, 2019 को अरहर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।
हीरालाल, जिलाधिकारी, बांदा (उत्तर प्रदेश) बांदा के जिलाधिकारी हीरालाल इस सम्मेलन के बारे में बताते हैं, "इससे एग्री टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही साल 2016 से 10 फरवरी को यूनाइटेड नेशन्स 'वर्ल्ड पल्सेस डे' (विश्व दलहन दिवस) मनाता है, इस सम्मेलन मेंकृषि विभाग, मंडी विभाग, देश कई संस्थानों वैज्ञानिक शामिल हो रहे हैं। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है कि कैसे जो किसानों के प्रोडक्ट हैं उसकी मार्केटिंग कैसे की जाए।"
बांदा जिले में कुल कृषि योग्य भूमि 115296 हेक्टेयर भूमि में सबसे ज्यादा दलहनी फसलों की उपज की जाती है और इस कुल कृषि भूमि के सबसे ज्यादा भाग 17553 हेक्टेयर भूमि पर अरहर पैदा की जाती है। इससे 25774 मीट्रिक टन अरहर का उत्पादन होता है। इसके साथ ही रबी में 289711 हेक्टेयर खेती में से 91110 हेक्टेयर में चना, 29824 हेक्टेयर में मसूर और 2706 हेक्टेयर में सरसों की खेती होती है।
अरहर की ब्रांडिंग और प्रोसेसिंग नामी-गिरामी कंपनियां करेंगी
कृषि निदेशालय एवं प्रदेश सरकार और निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच हुए करार से इस फसल की ब्रांडिंग और प्रोसेसिंग जैसे कार्य नामी गिरामी कंपनियों जैसे आई टी सी, बिग बाजार, वालमार्ट इंडिया, स्पेंसर, के साथ ऑर्गेनिक इंडिया जैसे बिजनेस हाउस द्वारा कराई जाएगी, और इन्हीं माध्यमों द्वारा किसानों की फसल को सीधे बाजार दिखाया जाएगा, ताकि किसानों की मेहनत का सीधा लाभ किसान को ही मिले।
राष्ट्रीय अजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी कृषि विभाग द्वारा अनुदानित मिनी दाल मिल उपलब्ध कराकर दलहन प्रोसेसिंग और पैकेजिंग कर कूटिर उद्यम स्थापित कर समूहों को आर्थिक रूप से सबल बनाने की संभावनाएं हैं।
देश भर के कई कृषि विशेषज्ञ होंगे शामिल
सम्मेलन में पद्मश्री भूषण त्यागी, पद्म श्री बाबू लाल दहिया, पद्म श्री राम सरन वर्मा, पद्म श्री पोपटराव पावर, कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्व विद्यालय, मेरठ के पूर्व कुलपति डॉ. गया प्रसाद, इनके साथ ही देश भर के शीर्ष कृषि विशेषज्ञ शामिल होंगे।
उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को विशेषज्ञों से मिलेगा ज्ञान
सम्मेलन में भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक किसानों को अरहर, चना और गन्ना की बुवाई से लेकर प्रोसेसिंग का सही तरीका बताएंगे।
किसानों को उन्नत बीज, फसल रखरखाव, बुआई, कटाई, उर्वरकों के प्रयोग के लिए सरकार और एनजीओ के माध्यम से तमाम विशेषज्ञों के द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें आश्री फाउंडेशन, किसान वीएम, ग्रो फार्म जैसी एजेंसियों द्वारा किसानों को जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
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